आर्थराइटिस या गठिया जिसे संधिशोथ भी कहा जाता है। आजकल बुजुर्गों से लेकर जवान लोगों तक हर किसी को अपनी चपेट में लेते जा रहा है। आपके शरीर के जोड़ों में सूजन उत्पन्न होने पर गठिया होता है या आपके जोड़ों में उपास्थि (कोमल हड्डी) टूट या क्षतिग्रस्त हो जाती है तब ऐसा होता है। शरीर के जोड़ ऐसे स्थल होते हैं जहां दो या दो से अधिक हड्डियाँ एक दूसरे से मिलती हैं जैसे कि कूल्हे या घुटने की हड्डियाँ। उपास्थि जोड़ों में गद्दे की तरह होती है जो दबाव से उनकी रक्षा करती है और क्रियाकलाप को सहज बनाती है। इस लेख में आप जानेगे आर्थराइटिस या गठिया के लक्षण, आर्थराइटिस के कारण और गठिया से वचाब के उपाय के बारें में।
जब किसी जोड़ में उपास्थि भंग हो जाती है तो आपकी हड्डियाँ एक दूसरे के साथ रगड़ खातीं हैं, इससे दर्द, सूजन और ऐंठन उत्पन्न होती है। सबसे सामान्य तरह का गठिया हड्डी का गठिया होता है।
इस तरह के गठिया में, लंबे समय से उपयोग में लाए जाने अथवा व्यक्ति की उम्र बढ़ने की स्थिति में जोड़ घिस जाते हैं। जोड़ पर चोट लग जाने से भी इस प्रकार का गठिया हो जाता है। हड्डी का गठिया अक्सर घुटनों कूल्हों और हाथों में होता है।
जोड़ों में दर्द और स्थूलता शुरु हो जाती है। समय-समय पर जोड़ों के आसपास के ऊतकों में तनाव होता है और उससे दर्द बढ़ता है। आर्थराइटिस उस समय भी हो सकता है जब प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली, जो आमतौर से शरीर को संक्रमण से बचाती है, शरीर के ऊतकों पर वार कर देती है। इस प्रकार की गठिया में रियुमेटॉयड आर्थराइटिस सबसे सामान्य गठिया होता है। इससे जोड़ों में लाली आ जाती है और दर्द होता है और शरीर के दूसरे अंग भी इससे प्रभावित हो सकते हैं, जैसे कि हृदय, पेशियाँ, रक्त वाहिकाएँ, तंत्रिकाएं और आँखें।
इन लक्षणों के आलावा रियुमेटॉयड आर्थराइटिस के अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। यदि आप के कोई ऐसे लक्षण हो जिनसे आपको तकलीफ या चिंता होती है, तो अपने चिकित्सक से मिले और इन लक्षणों के बारें में बात करें।